जिससे सुबह तड़के ही कोषागार को पेंशनर्स ने अपने जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए घेर लिया।
3.
लेकिन हड़ताल के कारण उनके जीवन प्रमाणपत्र अभी तक लिपिकों द्वारा जमा नहीं किये गये है।
4.
पेंशनभोगियों से निवेदन है कि वर्ष में एक बार (अर्थात् नवंबर माह में) जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करें जिससे कि शाखाओं को बिना रुकावट/विलंब के पेंशन की अदायगी में सहयोग प्राप्त हो ।
5.
राजभाषा एवं संस्कृति संचालनालय से मिलने वाली सहायता राशि के सन्दर्भ में प्रतिवर्ष माँगे जाने वाले जीवन प्रमाणपत्र के विषय में लालाजी ने स्पष्ट कह दिया था कि उनसे उनके जीवित होने का प्रमाणपत्र न माँगा जाये।
6.
वरिष्ठ कोषाधिकारी संपूर्णानंद द्विवेदी ने जिले के सभी राजकीय सिविल पेंशनर्स से कहा है कि वे हर साल की तरह इस साल भी नवंबर / दिसंबर में कोषागार में प्रस्तुत किए जाने वाले जीवन प्रमाणपत्र आदि के प्रपत्र पेंशन निदेशालय की वेबसाइट एचटीटीपी://पी ई एन एस आई ओ एन डी आई आर ई सी टी ओ आ ए टी ई डाट यूपी डाट एन आई सी डाट इन पर उपलब्ध हैं।